नारी जीवन 

जय हुमगाँइ
क्यानाडा

अनमोल र महान् छ नारी जीवन
नारी हुन माया नारी हुन यौवन।
नारी हुन जननी हरियाली धर्ती
नारी हुन मोती ज्ञानकोशको ज्योति।।

नारी हुन शान्त शीतल छाया।
नारी हुन चोखो निःस्वार्थ माया।
नारी हुन जगतकी सन्तानोत्पत्ति
नारी हुन कृपा करुणाकी मूर्ति।

नारी हुन वैशाखे हरियाली पाखा
नारी हुन दृष्टि र तेजस्वी आँखा।
नारी  हुन साँझ-बिहान आगो र पानी
नारी हुन ममता दयाकी खानी।।

नारी हुन मखमली रेसमी धागो
नारी हुन तृष्णा विशाल आगो
नारी हुन सन्तानको पहिलो भाषा
नारी  हुन देवी सरस्वती माता।।

नारी हुन ऊर्जाको पोसिलो गाँस
नारी  हुन अमृत सन्तोषको रास।
नारी हुन रमणियाँ फाँटिलो पार्क
नारी हुन न्यानो  आत्मिया काख।।

उज्यालोको प्रतीक ज्योति हुन नारी
सृष्टिको अनमोल रचना हुन नारी
रथरूपी जीवनकी महारथी हुन नारी
अतृप्त प्रेम सागरको रस हुन नारी।

नारी हुन वृक्षको फलेका हाँगा
नारी हुन लहरा,झर्ना र छाँगा।
नारी हुन ठण्डायामको पारीलो घाम
नारी हुन देउराली,चौतारी र धाम।।

तिर्खा र भोक ,प्यास हुन नारी
हर्ष र उल्लास,आसा हुन नारी
उज्यालो शीतल जून हुन नारी
प्रकृतिको उत्तम सृष्टि हुन नारी।।

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